Thursday, 2 July 2020

Story of village girl part-2

हैलो दोस्तो जैसा की अपने प्रीवियस ब्लॉग में मै मै एक ऐसी लड़की की कहानी बता रही थी जिसका जन्म एक गांव में हुआ था आप लोग के रिक्वेस्ट से मै आगे उस कहानी को कंटिन्यू करती हूं जिसने मै कुछ रहस्यमय सवाल की चर्चा की थी कि क्या वह लड़की अपनी पढ़ाई लिखाई कर पाती है ? क्या नॉर्मल बच्चों की तरह लाइफ जी पाती हैं? आइये आगे की कहानी जानते है --



अध्ययन के लिए संघर्ष-

एक्चुअली ये लड़की एक ऐसे घर में जन्म ली थी जहां पर लोग पढ़ाई लिखाई को ज्यादा महत्व नहीं देते थे। हालांकि बड़े भाई बहन स्कूल जाते थे पढ़ने फिर भी न जाने क्यू सब लोग चाहते थे कि सुनीता स्कूल न जाए पढ़ने शायद इसकी हालत ठीक न होने के कारण , लेकिन ये लड़की पढ़ना चाहती थी स्कूल जाना चाहती थी कभी कभी तो अपने बड़े भाई बहन के साथ पीछे पीछे स्कूल चली जाती थी , स्कूल में दाखिला न होने के कारण अध्यापक डाटते थे और क्लास से बाहर कर देते थे फिर ये लड़की बाहर से सहमी सहमी खड़ी होकर सब कुछ देखा करती थी कई दिनों बाद आखिर एक अध्यापिका को तरस आया ओ उसके घर गए और माता पिता से बोली कि इस बच्ची का नाम लिखा दीजिए स्कूल में तब जाकर घर वालो ने कक्षा २ में दाखिला दिलाया जिससे वह लड़की बहुत खुश हुई और सुबह होते ही स्कूल के लिए तैयार हो जाती । धीरे धीरे क्लास ५ तक पढ़ाई पूरा हुआ ।


घर वालो को पता चला इसे तो सब पढ़ने लिखने आ गया है अब क्या करेगी आगे पढ़कर/ उस लड़की ने हार नहीं मानी फिर से जिद कि आगे पढ़ने के लिए तत्पश्चात् क्लास ६ में एडमिशन हुआ जहां उसकी दोस्ती एक ऐसे लड़की से हुआ जिसका नाम रशीदा बानो है। रशीदा के घर वाले पढ़े लिखे लोग थे उसको सब कुछ पहले से ही टॉपिक समझा कर और मैथ में हमेशा एक अध्याय आगे के सवाल उसके भईया बता देते  थे ये स्कूल में आकर सुनीता को दिखाती थी। सुनीता हमेशा सोचती कास उस भी कोई घर पर कुछ बताता लेकिन ये भी कम नहीं थी ,कुछ नहीं आता समझ में फिर भी उदाहरण को ही सवाल कॉपी में लिखकर ले जाती और फिर दोनों साथ में बैठकर एक दूसरे का कॉपी देखा करते थे। बहुत ही आनन्द पूर्ण एकेडमिक चलने लगा था स्कूल में हम लोग बहुत मस्ती किया करते थे स्कूल के पीछे वाले बगीचे में खेला करते थे ऐसा दिल करता था जैसे हमेशा ऐसे ही हम लोग साथ में स्कूल में रहे। क्यू की घर जाते ही सुनीता को किसी न किसी काम के लिए डाट मिलती थी और फिर ऐसे में उसका सबसे अच्छा दोस्त घर पर उसका एक अमरूद का बगीचा था ओ जब भी उदास होती जाकर उसी बगीचे में बैठती , रोटी तो कभी उसका फल तोड़कर खाती तो कभी पेड़ों से बाते करती और फिर सब कुछ भूलकर घर वापस आती थी।

अब इतनी जल्दी ३ साल का टाइम भी बित गया और ओ क्लास ८ भी पूरा कर ली। 


अब फिर उसके सामने एक बार फिर से वहीं सवाल की 'अब क्या करोगी आगे पढ़कर कौन सा नौकरी करना है घर में खाना ही तो बनाना है' बस करो अब नहीं पढ़ना है। मैंने सोच लिया था कि मै बड़ी होकर साइंटिस्ट बनूंगी लेकिन कैसे बनते है ये अभी तक नहीं पता था। अभी तो बस एक ही जिद था आगे पढ़ना है अब तो ओ और भी अकेली हो गए थी कोई उसका दोस्त भी न थी क्लास ८ के बाद रशीदा भी न जाने किस स्कूल में चली गए कुछ  पता नहीं था।


बहुत मिन्नत करने के बाद पापा ने किसी एक स्कूल में क्लास ९ में नाम लिखाया मै उस स्कूल में नए थी कोई सहेली नहीं थी फिर धीरे धीरे लोग उसे उसके टेस्ट के रिजल्ट से जानने लगे क्यू की स्कूल में उसके सबसे अधिक नंबर आते थे फिर वहा प्रीति नाम कि एक लड़की से दोस्ती हुए ओ  बहुत मानती थी। अब स्कूल के अध्यापक भी उसे बहुत मानते थे स्कूल में कभी उसे ये महसूस नहीं हुआ कि ओ अकेली है एक भाई बहन पिता दोस्त सबके जैसा प्यार मिला स्कूल में वह बहुत खुश थी और अब घर पर भी उसे किसी से कोई सिकायत नहीं रहती थी ।

१० वी के बाद पापा ने उसकी पढ़ाई बन्द करा दी घर में भी पैसों कि बहुत तंगी थी और ओ भी समझने लगी थी कि लाइफ मै पैसा कितना महत्वपर्ण होता है, परन्तु स्कूल में टॉप करने कि वजह से स्कूल वालो ने बारहवीं पूरा कराया और साथ में ही पॉलिटेक्निक का फॉर्म भी डाल दिए थे।

फिर उसके बाद क्लासेज बन्द हो गए किसी से कोई संपर्क नहीं रहा वह अकेली अब बगीचे में बैठकर बस रोया करती थी घर की स्थिति देखकर अब तो घर पर आगे पढ़ने की ज़िद करना भी छोड़ दी थी और अब वह समझ गए थी की जिसके पास पैसे नहीं उसका कोई सपना पूरा नहीं हो सकता वैज्ञानिक बनने के लिए बहुत पढ़ाई करना पड़ता है जो ओ अब नहीं कर सकती उसने अपना सारा सपना छोड़ दिया  


आगे की कहानी को जानने के लिए की क्या हुआ क्या वह लड़की वही हार मान ली या आगे की पढ़ाई की ?

क्या किया कहा गए?

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धन्यवाद!


Hindi Moral Stories for Students



5 comments:

  1. Keep writing dear.... Your story really melts my heart... Ye un sabhi logo ko jarur sochna chahiuc jinko study nasib hoti hai their family wants them to be educated but not everyone understands it's value

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  2. Well, I hope i will return in your life story after a 5 years leap (in a dramatic way).That is one of the sweetest memory of my life. That is a small sweet story. Isn't it? I remember that amarood ka bageecha, loved to go there yaar, missed that relief at that place. Anyway you i love you and glad that we mate again.
    Love....Rashida🥰🤗

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  3. पर्वतों को पार कर .डर को पीछे छोड़ कर , मुश्किलों को चीर कर जीत की हुंकार भर , उम्मीदों का पुल बना नदियों को पार कर , विस्वास का दीपक जला राहो से तू प्यार कर , जीत को तू जन्म दे हार का संहार कर:-Omi Vankatesh

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  4. We can not change ourselves according to others, we have also given a dress to us according to Jesus....🙏🙏

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