Friday, 3 July 2020

Story of village girl part-3

Story of village girl part-3

हैलो दोस्तो

मै अपनी कहानी को कंटिन्यू करती जिसमें हम पढ़ रहे थे एक ऐसे लड़की कि कहानी जो वाराणसी के एक छोटे से गांव की है जो पढ़ना तो चाहती थी लेकिन कोई गाइडलाइंस न होने की वजह से बहुत समस्याओं का सामना करना पड़ा ।

अभी ओ लड़की किसी तरह अपना बारहवीं तक कि पढ़ाई पूरा की उसके बाद ओ हार नहीं मानी बल्कि वहीं गांव के एक स्कूल में पढ़ाना शुरू की जहां उसे ६०० रुपए पर महीने सैलरी मिलती थी जिससे ओ अपने खर्चे चलाती थीं लेकिन इससे उसके पढ़ाई के खर्चे नहीं निकल पा रहे थे तो उसने फिर एक इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ाना शुरू की डिग्री न होने के कारण वहां भी ज्यादा सैलरी नहीं मिलती थीं फिर उसने कोचिंग ट्यूशन भी पढ़ाना शुरू किया और बहुत मेहनत करने के बाद २०,००० रुपए इकठ्ठा कर पाए अब उसे अपनी पढ़ाई फिर से शुरू करने की उम्मीद नजर आए और ओ फिर से पॉलीटेक्निक का फॉर्म डाली सारी फॉमिलितीज को अकेले पूरा की और अंततः राजकीय महिला पॉलीटेक्निक लखनऊ में २०१४ में आईटी ब्रांच में एडमिशन लिया । 


गांव की लड़की सिटी में-

अब गांव की लड़की एक सिटी में आ चुकी थी।और स्कॉलरशिप से अपना आगे का एडमिशन जारी रखा २०१७ में ३ वर्षीय कोर्स पूरा होने के बाद भी उसे एक समस्या का सामना करना पड़ा ओ आईटी, सॉफ्टवेयर, कंप्यूटर जैसे शब्दों का मतलब तो समझ गई लेकिन उसका प्लेसमेंट किसी आईटी कंपनी में नहीं हुआ क्यू की उसकी स्टडी के बीच में ४ साल का गैप पहले ही हो चुका था और अब हालात ऐसे थे कि डिप्लोमा पूरा करने के बाद ओ फिर से गांव कि लाइफ नहीं जीना चाहती थी इस तरह अब सिटी में रहना खाना पीना सब उसे खुद मैनेज करना था क्यूकी सुनिता स्वतंत्र होकर जीना चाहती थी .

तो उसके लिए भी समस्याओं का सामना करना पड़ा जब भी किसी कंपनी में जाती इंटरव्यू के लिए सबसे पहले एजुकेशन पूछा जाता, ग्रेजुएशन की डिग्री न होने की वजह से कहीं जॉब नहीं मिलती और फिर लास्ट में उसका टाटा मोटर्स लिमिटेड कंपनी में एक साल कि इंटर्नशिप के लिए सिलेक्शन हुआ जिससे लाइफ थोड़ा आसान हुआ अब उसे स्टाइपेंड मिलना स्टार्ट हुआ फिर उसने सबसे पहले इग्नू से BCA (ग्रेजुएशन) के लिए अप्लाई किया। एक साल बाद इंटर्शिप तो पूरा हो गया लेकिन कोर्स पूरा न होने की वजह से फिर एक बार फाइनेंशियल समस्या सामने आ गया अब ओ ग्रेजुएशन कर रही है ऐसा बोलने के बाद उसे एक  कोचिंग में सोशल मीडिया प्रोमोशन, साइट पर कंटेंट डालने का, ग्राफिक डिजाइन करने का जॉब मिला किसी तरह सब कुछ चल रहा था अभी एक साल की स्टडी बची हुई थी अचानक से एक कोरोना नामक महामारी आ गया जिसके वजह से सब कुछ बन्द हो गया और जॉब भी चली गए और पढ़ाई भी वहीं रुकी हुए है।



इन सबसे फ्रस्टेटेड होने के बाद जब सब रास्ते बन्द हो गए अभी ओ खुद से ऑनलाइन ब्लॉग लिखने का काम स्टार्ट कि और ये सोचा कि नहीं कुछ तो कम से कम अपने विचारो को लोगो तक पहुंचाए ।


अब देखना ये है कि आखिर ये लड़की कब सफल हो पाती है अपनी लाइफ में। 

क्या कुछ कर पाती है या बस ऐसे ही उसके सारे सपने बस सपनों में ही रह जाएंगे।


आगे जो भी होगा मै आपको अपडेट करती करूंगी कृपया आप हमारे ब्लॉक को फ़ॉलो करे । 

और अगर आप चाहते है मै और भी टॉपिक पर ब्लॉग लिखूं तो उसके लिए कॉमेंट करे ।


धन्यवाद !!




Thursday, 2 July 2020

Story of village girl part-2

हैलो दोस्तो जैसा की अपने प्रीवियस ब्लॉग में मै मै एक ऐसी लड़की की कहानी बता रही थी जिसका जन्म एक गांव में हुआ था आप लोग के रिक्वेस्ट से मै आगे उस कहानी को कंटिन्यू करती हूं जिसने मै कुछ रहस्यमय सवाल की चर्चा की थी कि क्या वह लड़की अपनी पढ़ाई लिखाई कर पाती है ? क्या नॉर्मल बच्चों की तरह लाइफ जी पाती हैं? आइये आगे की कहानी जानते है --



अध्ययन के लिए संघर्ष-

एक्चुअली ये लड़की एक ऐसे घर में जन्म ली थी जहां पर लोग पढ़ाई लिखाई को ज्यादा महत्व नहीं देते थे। हालांकि बड़े भाई बहन स्कूल जाते थे पढ़ने फिर भी न जाने क्यू सब लोग चाहते थे कि सुनीता स्कूल न जाए पढ़ने शायद इसकी हालत ठीक न होने के कारण , लेकिन ये लड़की पढ़ना चाहती थी स्कूल जाना चाहती थी कभी कभी तो अपने बड़े भाई बहन के साथ पीछे पीछे स्कूल चली जाती थी , स्कूल में दाखिला न होने के कारण अध्यापक डाटते थे और क्लास से बाहर कर देते थे फिर ये लड़की बाहर से सहमी सहमी खड़ी होकर सब कुछ देखा करती थी कई दिनों बाद आखिर एक अध्यापिका को तरस आया ओ उसके घर गए और माता पिता से बोली कि इस बच्ची का नाम लिखा दीजिए स्कूल में तब जाकर घर वालो ने कक्षा २ में दाखिला दिलाया जिससे वह लड़की बहुत खुश हुई और सुबह होते ही स्कूल के लिए तैयार हो जाती । धीरे धीरे क्लास ५ तक पढ़ाई पूरा हुआ ।


घर वालो को पता चला इसे तो सब पढ़ने लिखने आ गया है अब क्या करेगी आगे पढ़कर/ उस लड़की ने हार नहीं मानी फिर से जिद कि आगे पढ़ने के लिए तत्पश्चात् क्लास ६ में एडमिशन हुआ जहां उसकी दोस्ती एक ऐसे लड़की से हुआ जिसका नाम रशीदा बानो है। रशीदा के घर वाले पढ़े लिखे लोग थे उसको सब कुछ पहले से ही टॉपिक समझा कर और मैथ में हमेशा एक अध्याय आगे के सवाल उसके भईया बता देते  थे ये स्कूल में आकर सुनीता को दिखाती थी। सुनीता हमेशा सोचती कास उस भी कोई घर पर कुछ बताता लेकिन ये भी कम नहीं थी ,कुछ नहीं आता समझ में फिर भी उदाहरण को ही सवाल कॉपी में लिखकर ले जाती और फिर दोनों साथ में बैठकर एक दूसरे का कॉपी देखा करते थे। बहुत ही आनन्द पूर्ण एकेडमिक चलने लगा था स्कूल में हम लोग बहुत मस्ती किया करते थे स्कूल के पीछे वाले बगीचे में खेला करते थे ऐसा दिल करता था जैसे हमेशा ऐसे ही हम लोग साथ में स्कूल में रहे। क्यू की घर जाते ही सुनीता को किसी न किसी काम के लिए डाट मिलती थी और फिर ऐसे में उसका सबसे अच्छा दोस्त घर पर उसका एक अमरूद का बगीचा था ओ जब भी उदास होती जाकर उसी बगीचे में बैठती , रोटी तो कभी उसका फल तोड़कर खाती तो कभी पेड़ों से बाते करती और फिर सब कुछ भूलकर घर वापस आती थी।

अब इतनी जल्दी ३ साल का टाइम भी बित गया और ओ क्लास ८ भी पूरा कर ली। 


अब फिर उसके सामने एक बार फिर से वहीं सवाल की 'अब क्या करोगी आगे पढ़कर कौन सा नौकरी करना है घर में खाना ही तो बनाना है' बस करो अब नहीं पढ़ना है। मैंने सोच लिया था कि मै बड़ी होकर साइंटिस्ट बनूंगी लेकिन कैसे बनते है ये अभी तक नहीं पता था। अभी तो बस एक ही जिद था आगे पढ़ना है अब तो ओ और भी अकेली हो गए थी कोई उसका दोस्त भी न थी क्लास ८ के बाद रशीदा भी न जाने किस स्कूल में चली गए कुछ  पता नहीं था।


बहुत मिन्नत करने के बाद पापा ने किसी एक स्कूल में क्लास ९ में नाम लिखाया मै उस स्कूल में नए थी कोई सहेली नहीं थी फिर धीरे धीरे लोग उसे उसके टेस्ट के रिजल्ट से जानने लगे क्यू की स्कूल में उसके सबसे अधिक नंबर आते थे फिर वहा प्रीति नाम कि एक लड़की से दोस्ती हुए ओ  बहुत मानती थी। अब स्कूल के अध्यापक भी उसे बहुत मानते थे स्कूल में कभी उसे ये महसूस नहीं हुआ कि ओ अकेली है एक भाई बहन पिता दोस्त सबके जैसा प्यार मिला स्कूल में वह बहुत खुश थी और अब घर पर भी उसे किसी से कोई सिकायत नहीं रहती थी ।

१० वी के बाद पापा ने उसकी पढ़ाई बन्द करा दी घर में भी पैसों कि बहुत तंगी थी और ओ भी समझने लगी थी कि लाइफ मै पैसा कितना महत्वपर्ण होता है, परन्तु स्कूल में टॉप करने कि वजह से स्कूल वालो ने बारहवीं पूरा कराया और साथ में ही पॉलिटेक्निक का फॉर्म भी डाल दिए थे।

फिर उसके बाद क्लासेज बन्द हो गए किसी से कोई संपर्क नहीं रहा वह अकेली अब बगीचे में बैठकर बस रोया करती थी घर की स्थिति देखकर अब तो घर पर आगे पढ़ने की ज़िद करना भी छोड़ दी थी और अब वह समझ गए थी की जिसके पास पैसे नहीं उसका कोई सपना पूरा नहीं हो सकता वैज्ञानिक बनने के लिए बहुत पढ़ाई करना पड़ता है जो ओ अब नहीं कर सकती उसने अपना सारा सपना छोड़ दिया  


आगे की कहानी को जानने के लिए की क्या हुआ क्या वह लड़की वही हार मान ली या आगे की पढ़ाई की ?

क्या किया कहा गए?

ये जानने के लिए जुड़े रहे और इस ब्लॉग को फ़ॉलो करे…

इंटरेस्टेड लोग कृपया कॉमेंट में जरूर बताएं और शेयर करे ।

धन्यवाद!


Hindi Moral Stories for Students



Wednesday, 1 July 2020

Story of a village girl part-1

हैलो दोस्तों
 आज मै अपना  पहला पर्र्सनल ब्लॉग लिखने जा रही हूँ जिसमे मैं अपने पर्सनल लाइफ के बारे में बताऊंगी जिसे पढ़कर आपके अंदर नए संघर्ष उक्त जीवन जीने की इच्छा जागृत होगी। ये ब्लॉग स्पेशली उन लोगो के लिए है जो अपनी लाइफ से हतास हो चुके है डेप्रेसन के शिकार हो चुके है, जो अपनी लाइफ में करना तो बहुत कुछ चाहते है परन्तु किसी न  किसी बात के अभाव से कुछ नहीं कर पाते औऱ अपनी लाइफ को निराशामय बनाकर व्यतीत करते है। आशा करती हूँ आप इस कहानी को अंत तक़ पढ़ेंगे औऱ अपना किमती सुझाव देंगे  जिससे मै आगे भी इस ब्लॉगिन प्रक्रिया को बनाये रखु। 


childhood pic
              
            जी तो मै स्टार्ट करती हु एक ऐसी लड़की की कहानी जिसका जन्म वाराणसी जिले के बसंतपट्टी नामक गांव में हुआ। 
इस बच्ची का तिस्कार बचपन से ही स्टार्ट हो गया था और शारीरिक तौर पर भी अन्य  बच्चो की अपेक्षा  कमजोर थी और उसका सही प्रकार से पोषण न होने  के कारन कुपोषण का शिकार हो  गयी थी, जिसकी वजह से हमेशा तबियत खराब  रहता था।  उसकी माँ उसका देखभाल तो करती थी परन्तु कई बार  के कामो में व्यस्त के कारन ख्याल नहीं रख पाती थी कभी कभी तो माँ इतना परेशान हो जाती की बोल देती थी तुम मर क्यू नहीं जाती मै तंग  हो जाती हु घर का ,खेत का काम करू या दिन भर बस तुम्हे देखु तुम्हारी सफाई करू। 

इसी तरह बचपन बीतता गया और बच्ची बड़ी होती गयी अब उसके स्कूल जाने की उम्र हो गई।  अब आगे क्या हुआ इस बच्ची के लाइफ में क्या ये आगे पढ़ाई लिखाई कर पाती है? क्या एक नार्मल बच्चे की तरह लाइफ को एन्जॉय कर पाती है?  आगे उसकी डेली लाइफ में क्या होता रहा ? ये एक रहस्य है जिसे जानने क लिए आपको डेली बेसिस पर इस ब्लॉग से जुड़े रहना होगा।

और कमेंट में जरूर बताये ऐसे कितने लोग है जो ये जानना चाहते है की आखिर आगे उसके साथ क्या हुआ ?
कृपया इसे अन्य लोगो क पास भी शेयर करे हो सकता है इस कहानी से किसी की लाइफ बदल जाये। 

धन्यवाद !


Story of village girl part-3

Story of village girl part-3 हैलो दोस्तो मै अपनी कहानी को कंटिन्यू करती जिसमें हम पढ़ रहे थे एक ऐसे लड़की कि कहानी जो वाराणसी के एक छो...

Popular Posts